Thursday, November 20, 2014

हर सुबह यूं ही आती रहे;
जिन्दगी का पैगाम लाती रहे;
गम की शामे आती जाती रहे;
जिन्दगी यू ही मुस्कराती रहे.

फूल यू ही खिलते रहे;
यार दोस्त रोज मिलते रहे;
जख्म जो मिले वो सिलते रहे;
मौके खुशी के निकलते रहे.

खुशियाँ ही खुशियां राहो में हो;
जिन्दगी तू आज मेरी बाहों मे हो;
मंजिल मेरी निगाहों में हो;
मेरी किस्मत किसी की दुआओं मे हो.

ये अलग बात है कि किस्मत ने तुझसे मिलाया नही;
पर ये नही कि तुझे चाहा नही;
जो तूने चाहा तुझे मिल गया;
जो मैने चाहा वो पाया नही.

तेरी याद धूप बनकर दिल मे उतरती रहे;
चांदनी की तरह बिखरती रहे;
अब तेरी याद ही काफी है;
जिन्दगी यूं ही गुजरती रहे.

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