Intezar ;fun या फन'
सालो बाद उनसे मुलाकात हो गई;
जिन्दगी कैसा इतफाक हो गई॥
उनके चेहरे के आते जाते रंगों को देखकर;
मेरी उनसे पूरी बात हो गई॥
हैरान वो इस बात पर है;
जिस मोड पर मुझे छोडा था;
वहीं पर फिर मुलाकात हो गई॥
तूने कब कहा था इनतज़ार करने को;
ना जाने ये इनतजारी;
कैसे मेरी आदत में शुमार हो गई॥
इस पेड़ को जरा गौर से देख ;
यही से तेरी मजबूरी ;
हमारे बीच की दीवार हो गई॥
हमें तो खैर इनतज़ार करना था;
पर तेरे बगैर जिन्दगी बीमार हो गई॥
कुछ तेरे गम कुछ जहाँ के;
कुल मिलाकर जिन्दगी पार हो गई॥
अब के बिछड़े तो फिर शायद हि मिले;
जिन्दगी अब सासों से लाचार हो गई॥
अब आ ही गए हो तो शमा भी जला दो:
तुम्हारे बगैर जिन्दगी जैसे मजार हो गई॥
सालो बाद उनसे मुलाकात हो गई;
जिन्दगी कैसा इतफाक हो गई॥
उनके चेहरे के आते जाते रंगों को देखकर;
मेरी उनसे पूरी बात हो गई॥
हैरान वो इस बात पर है;
जिस मोड पर मुझे छोडा था;
वहीं पर फिर मुलाकात हो गई॥
तूने कब कहा था इनतज़ार करने को;
ना जाने ये इनतजारी;
कैसे मेरी आदत में शुमार हो गई॥
इस पेड़ को जरा गौर से देख ;
यही से तेरी मजबूरी ;
हमारे बीच की दीवार हो गई॥
हमें तो खैर इनतज़ार करना था;
पर तेरे बगैर जिन्दगी बीमार हो गई॥
कुछ तेरे गम कुछ जहाँ के;
कुल मिलाकर जिन्दगी पार हो गई॥
अब के बिछड़े तो फिर शायद हि मिले;
जिन्दगी अब सासों से लाचार हो गई॥
अब आ ही गए हो तो शमा भी जला दो:
तुम्हारे बगैर जिन्दगी जैसे मजार हो गई॥
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