Monday, December 1, 2014

Surgeon's cap: a boon or curse!
जब भी मैं किसी को operate करता हूं;
मेरा दिल मेरी ऊंगलिओ में रहता है.

तूझे कुछ भी ना हो 'इसके लिए;
ना जाने क्या क्या सहता है.

तेरी सेहत हमेशा खुशगवार हो इस करके;
तू इसकी दुआ मे शामिल रहता है.

मैं जर्द पत्तों पर शबनम सजा कर लाया हूँ;
और तू मुझसे पैसों का हिसाब लेता है.

कभी कभी रातों को भी सोचा है तेरे बारे;
दुआ का हाथ है पर खुदा के आगे मजबूर रहता है.

मुझसे तू अपनी उम्र से ज्यादा उम्मीद मत रख;
मै खुदा नही 'ये folded hands से कहता है.

गुरुर सब पर खूब सजता है;
पर सब से कह दो;
सिकन्दर भी गया और अकबर भी:
कौन है जो इस जहाँ मे रहता है.

जब भी भटकता हूँ अपनी राहों से;
खुदा मेरे दिल में उतरता है.

चमकने वाली है' तहरीर तेरी किस्मत की;
ये last नुस्खा है खुदा का;
जो रहता है.

कभी सहना भी सीख ले' इस दिल की खातिर;
इसका दर्द भी कभी कभी;
दवा का काम करता है.

नाखून तेरे कुतर भी दूं;
क्या फिर ना बढ जाएंगे;
भरते जख्मो को;
क्यूँ अपने नाखूनों से;
कुतरता है.

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