ये चिराग नही दिल जल रहे हैं:
चले आओ जहाँ तक रोशनी दिखाई देती है॥
कोशिश करो ये चिराग जलते रहे;
इसमें हमारी रुहें रहती हैं॥
शमा जलती है पूरी रात:
पर जिन्दगी का हर रंग सहती है॥
तू चाह कर भी अब हमें रोक नही सकता;
हम खुशबू की तरह हवा में चलते हैं;
कोशिश भी मत करना इन्हें बुझाने की;
ये चिराग अब तेल से नही ' हवा से जलते हैं॥
चले आओ जहाँ तक रोशनी दिखाई देती है॥
कोशिश करो ये चिराग जलते रहे;
इसमें हमारी रुहें रहती हैं॥
शमा जलती है पूरी रात:
पर जिन्दगी का हर रंग सहती है॥
तू चाह कर भी अब हमें रोक नही सकता;
हम खुशबू की तरह हवा में चलते हैं;
कोशिश भी मत करना इन्हें बुझाने की;
ये चिराग अब तेल से नही ' हवा से जलते हैं॥
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